टीकमगढ़ शासकीय जिला पुस्तकालय टीकमगढ़ के सभागार में विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, आधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युग में पुस्तकों का भविष्य तथा महत्वपूर्ण पुस्तकों पर परिचर्चा का आयोजन किया गया.
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उपभोक्ता फोरम की सदस्या डॉ श्रीमती प्रीति सिंह परमार, विशिष्ट अतिथि श्रीमती रश्मि गोयल एवं अध्यक्ष श्रीमती डॉक्टर विनीता नाग थी.
कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ गुलाब सिंह यादव द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर की गई शिक्षाविद रामगोपाल रैकवार ने नई शिक्षा नीति 2020 पर सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किया उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति आधुनिक विकसित भारत की परिकल्पना को आधार बनाकर तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि उच्च गुणवत्ता युक्त शिक्षा सभी को सुलभ हो इसलिए स्वदेशी भारतीय ज्ञान प्रणालियों को वैज्ञानिक तरीके से पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. मस्तिष्क विकास और अधिगम के सिद्धांतों के आधार पर स्कूली शिक्षा के लिए नई विकास उपयुक्त पाठ्यचर्या और नई शैक्षिक संरचना विकसित की गई है.
आधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और पुस्तकों का भविष्य पर बोलते हुए राजीव नामदेव ने तकनीक को मानवीय विकास में महत्वपूर्ण बताया उन्होंने कहा कि इतिहास में पुस्तकों का स्वरूप हमेशा बदलते रहा है हमे भविष्य मे पुस्तके ई प्रारूप में प्राप्त होती रहेंगी.
सुदीप कुमार सोनी ने कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य स्वर्णिम सामाजिक विकास हैं. उन्होंने कहा कि इस हेतु ग्रामीण अंचलों में पठन-पाठन को बढ़ावा देने के लिए छोटे-छोटे पुस्तकालय भी खोलें जाना चाहिए पूर्व प्राचार्य शीलचंद जैन ने महत्वपूर्ण धार्मिक पुस्तकों रामायण, गीता, समयसार, महाभारत की चर्चा की उन्होंने कहा कि निरंतर पुस्तकों का अध्ययन व्यक्ति को महापुरुष बना सकता है.
वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप खरे ने नई शिक्षा नीति के ठोस क्रियान्वयन पर जोर दिया उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रयोग न होकर यथार्थ, सार्थक नीतियों को लागू किया जाना चाहिए.
मुख्य अतिथि डॉ प्रीति सिंह परमार ने व्यक्तित्व के चहुमुखी विकास के लिए पुस्तकों से जुड़ने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि पुस्तकें ज्ञानार्जन की सच्ची माध्यम है जबकि तकनीक केवल रास्ता दिखाती है.
विशिष्ट अतिथि श्रीमती रश्मि गोयल ने जीवन को प्रभावित करने वाली महत्वपूर्ण पुस्तक श्रवण कुमार चरित्र की चर्चा की उन्होंने कहा कि बचपन में पढ़ी गई किताबो की स्मृति व सीख अजन्म रहती है. उन्होंने कहा कि फेसबुक, व्हाट्सएप पर उपलब्ध ज्ञान दिग्भ्रमित करता है किंतु पुस्तकों में उपलब्ध ज्ञान दोष रहित और प्रमाणित होता है.
कार्यक्रम की अध्यक्ष डॉ विनीता नाग ने कहा कि हम मानवीय विकास की उस अवस्था में पहुंच गए हैं जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में मानवीय संवेदनाओ का समावेश हो रहा है. विकास के इस स्तर को पाने में ई-पत्रिका, ई-बुक का महत्वपूर्ण योगदान है. हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग तो करें किंतु सारगर्भित, संपूर्ण और गुणवत्ता युक्त ज्ञान के लिए पुस्तकों का अध्ययन नहीं छोड़े.
इस अवसर पर शासकीय जिला पुस्तकालय टीकमगढ़ द्वारा बुंदेलखंड के इतिहास, पुरातत्व, संस्कृति, समाज और साहित्य पर आधारित ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा की गई प्रतियोगिता में संदीप सोनी प्रथम स्थान, सुधीर सोनी द्वितीय स्थान और प्रमोद मिश्रा को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ. इस ऑनलाइन प्रतियोगिता में संपूर्ण मध्यप्रदेश से छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, साहित्यकारों ने भाग लिया था. प्रतियोगिता के विजेता, उपविजेता को प्रशस्ति पत्र तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. प्रतियोगिता में शामिल हुए सभी प्रतिभागियों को जिला पुस्तकालय की ओर से प्रशस्ति पत्र का वितरण भी किया गया.
कार्यक्रम का संचालन वीरेंद्र चंसोरिया द्वारा किया गया. कार्यक्रम में नगर के साहित्यकार, छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे जिन्होंने काव्य के माध्यम से पुस्तकों और पुस्तकालयों का महत्व बताया जिनमें रामानंद पाठक, डॉक्टर नरेंद्र कुमार जैन, श्रीमती मीनू गुप्ता, प्रमोद गुप्ता, पूरन चंद गुप्ता, श्रीमती रश्मि शुक्ला, जितेंद्र साहू, नवनीत यादव, गोविंद सिंह राजपूत, अंचल खरया, कल्पना बुंदेला, वीरसिंह राजपूत, सरवन कुमार सोनी, राजेंद्र सिंह बुंदेला प्रमुख है.
टीकमगढ़ दर्पण से गिरीश कुमार खरे की रिपोर्ट
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