टीकमगढ़ पुलिस अधीक्षक रोहित कासवानी को खिरिया चौकी अंतर्गत आने वाले ग्राम करमारई निवासी देवकुंवर अहिरवार उम्र लगभग 29 वर्ष निवासी करमारई, चौकी खिरिया नाका आवेदन सौंपा आवेदन में बताया गया है कि देवकुवर के पति अजय अहिरवार से लगभग एक माह पूर्व सरपंच भगीरथ अहिरवार और हरीराम अहिरवार दुद्वारा मेरे घर पर पला हुआ बकरा खाने के लिए मांगा था। लेकिन मेरे पास एक ही बकरा था तो देने से मना कर दिया। जिस कारण उक्त दोनों व्यक्ति मेरे पति को धमकी देकर गए कि बकरा देने से मना करना तुम्हे बहुत भारी पड़ेगा। इसके अलावा सरपंच के चुनाव में इनका साथ ना देने के कारण ये हमारे परिवार के विरोधी हो गए, इसी लिए बकरे के बहाने हमसे दुश्मनी कर ली।
मंगलवार को सुबह 11 बजे के लगभग पुलिस द्वारा मेरे पति को खिरिया चौकी में बुलाया। जहां पहले से ही सरपंच और हरीराम उपस्थित थे। चौकी पहुंचने के बाद पता चला कि हरीराम के घर कुछ माह पूर्व चौरी हुई थी, जिसमें मेरे पति के साथ अन्य 3 लोगों के नाम शामिल हैं। हरीराम को इलाहाबाद के किसी गुनिया पंडित ने शक के आधार पर मेरे पति का नाम बताया। जिसके कारण मेरे पति का नाम एच आर में लिखवाया गया। पुलिस, वर्तमान सरपंच एवं हरीराम द्वारा पुलिस चौकी में बिना कुछ जानकारी लिए ही मेरे पति के साथ मारपीट चालू कर दी और बड़ी ही बेरहमी के साथ सारा। कानून के अनुसार मारपीट का अधिकार केवल पुलिस को है वो भी न्यायालय आदेश पर मैंने और मेरी बेटी ने जब पुलिस वालों से मारपीट ना करने के लिए पैर पकड़कर निवेदन किया तो पुलिस वालों ने और सरपंच ने मेरी बेटी के साथ भी चोटी से मारपीट की और पुलिस ने
मुझे जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर लात मार दी। ज्ञापन में बताया गया है की हम अत्यंत गरीब परिवार से है. मैं स्वयं विकलांग हूँ और मेरे पति के साथ भी अत्यधिक मारपीट की गई, जिसके कारण आज दिनांक तक उनकी स्थिति गम्भीर बनी हुई है। आज अस्पताल में भर्ती करवाया है। आप चाहे तो किसी को भी भेजकर उनकी स्थिति का जायजा ले सकते हैं। इसके अलावा पुलिस कर्मियों द्वारा हमे धमकी भी दी गई कि यदि इसकी शिकायत कहीं की तो हम और भी कई मामले में तुम्हे और तुम्हारे परिवार को फसवा देंगे।
मेरे पति, मेरे ससुर एवं मेरे भाई से खिरिया चौकी के पुलिसकर्मियों द्वारा कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवाये गए। तब जाकर मारपीट बंद की और मेरे पति को छोड़ा गया। मुझे आशंका है कि कोरे कागज पर किये गए हस्ताक्षर का दुरुपयोग ना हो।
वही परिवार ने निवेदन किया है कि मेरे पति की MLC करवा कर दोषी पुलिसकर्मियों सरपंच और हरीराम के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही करते हुए, हमारे परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए। एवं कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवाने का कारण भी पता किया
टीकमगढ़ दर्पण से गिरीश कुमार खरे की रिपोर्ट
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