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पहुना लोकजन समिति के कलाकारों ने नाटक महिला प्रधान का किया मंचन

पाहुना लोकजन समिति ने, 10 दिवसीय बाल नाट्य कार्यशाला समापन के दिन 22 अप्रैल को बूढ़ी काकी मुंशी प्रेमचंद जी के बाल नाट्य रूपांतरण किया जिसकी मार्गदर्शक संदीप श्रीवास्तव lनाटक भी महिला प्रधान चुना गया ।ये नाटक कहानी संम्राट मुंशी प्रेम चन्द की कहानी पर आधारित प्रस्तुत किया गया ।इस कहानी का नाट्य रूपांतरण संदीप श्रीवास्तव ने किया । ।संदीप ने बताया कि संस्था सतत कई वर्षों से संस्कृति के सम्बर्धन और संरक्ष्ण के लिये कार्य कर रही है ।कई वर्षों से बल रंग एवं युवाओं के लिये कार्यशालाएं आयोजित कराती आरही है ।जिसके परिणाम स्वरूप ज़िले की कई प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का मौका मिला है ।आज के कार्यक्रम की विशेषता यह रही की नाटक का निर्देश एक महिला ने किया प्रतिभागी भी महिला (बच्ची)ही रही और अतिथि भी महिला ही रही जिनके द्वारा कार्यक्रम अतिथि बन कर उन्होंने दीप जला कर कार्यकृम का शुभारंभ किया ।
मुख्य अथिति उपभोक्ता फोरम की सदस्य समाज सेविका डॉ प्रीति सिंह परमार और अध्यक्षता डॉ विनीता नाग ने की नाटक में भाग लेने वाले बच्चेफ़िज़ा रँगरेज ,प्राची चौरसिया,अंशिका रेकबार,आसमां सिद्दकी ,किनाया ,खुशबू पटेरिया ,वर्षा सेन ,सिवानी सेन ,खुशबू घोष ख़ुशी घोष ,सिद्धि नामदेव ,रक्षा नामदेव ,देवी , प्रिंस ओरादित्य घोष थे बूढ़ी काकी का किरदार बहू का किरदार कलाकारों ने बेहतरीन निभायाबिरपुरा के बच्चों ने मिट्टी बचाओ पर आधारित नाटक किया इसका निर्देशन किया सुरेंद्र यादव ने ।

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