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उपभोक्ता फोरम की सदस्य डॉ प्रीति सिंह परमार ने सुनाया फैसला जब कनेक्शन ही नहीं तो बिल किस बात का



टीकमगढ़ जिले के खरगापुर तहसील अंतर्गत आने वाली ग्राम चौबारा में डरूआ कुशवाहा तने नथुआ कुशवाहा आयु 58 वर्ष ने यह परिवर्तन आवेदक मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के खिलाफ विद्युत देयक और नोटिस देकर की गई सेवा में कमी के फल स्वरुप धारा 35 का संरक्षण अधिनियम 2019 के अंतर्गत छतिपूर्ति के लिए उनके विरुद्ध प्रस्तुत किया था

परिवाद के मुख्य तथ्य है कि परिवादी की कृषि भूमि खसरा नंबर 1428 ग्राम चौबारा में स्थित परिवादी द्वारा अन आवेदक से कृषि भूमि की सिंचाई हेतु एक 3 हॉर्स पावर क्या विद्युत कनेक्शन क्रमांक 4586 99060 04831-17 लिए हुए थे परिवादी के कुएं में वर्ष 2003 में पानी सूख गया जिस कारण परिवादी द्वारा ने आवेदक के समस्त बिलों का भुगतान कर दिनांक 17 11 2003 को समस्त औपचारिकताओं की पूर्ति का विद्युत कनेक्शन विच्छेद करा लिया था जिसकी रसीद परिवादी के पास थी उसके बाद परिवादी ने कभी अन आवेदक से विद्युत कनेक्शन प्राप्त नहीं किया 13 1 2021 को 1 14565 का राशि बिल का नोटिस जारी किया गया एवं राशि भुगतान की मांग की गई उक्त क्रश से परेशान होकर आवेदक और ने उपभोक्ता फोरम की शरण ली एवं जो दूसरा नोटिस दिनांक 13 1 2021 को भी दूसरे सर्विस कनेक्शन के नाम से जारी किया गया था के विरुद्ध केस लाया न्यायालय की सदस्य डॉ प्रीति सिंह परमार ने फैसला करते हुए यह आदेश दिया कि जब पहला कनेक्शन की बकाया राशि का बिल जमा कर दिया गया है एवं स्थाई विच्छेद करा लिया गया तो पुनः नया बिल जारी किया जाना जो कि बिना कनेक्शन के है सेवा में कमी हैl, 
अतः परिवादी का ₹114599 का बिल की अदायगी का उत्तरदायित्व समाप्त किया जाता है एवं उक्त नोटिस निरस्त किया जाता है सेवा में कमी के मध्य में ₹10000 एवं ₹3000 अदा करने का आदेश दिया जाता है

टीकमगढ़ दर्पण से गिरीश कुमार खरे की रिपोर्ट

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