Header Ads Widget

मलेरिया जागरूकता सप्ताह एवं विश्व मलेरिया दिवस मनाने के लिए जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित

टीकमगढ जिले में मलेरिया जागरूकता सप्ताह एवं विश्व मलेरिया दिवस मनाने के लिए कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्वार्थ जैन, अपर कलेक्टर पी.एस.चौहान, एसडीएम टीकमगढ़ सीपी पटेल, एसडीएम बल्दवेगढ़ सौरभ मिश्रा, एसडीएम जतारा डॉ. अभिजीत सिंह, सीएमएचओ डॉ. पीके माहौर, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. एचएम रावत सहित जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी और कार्यालय प्रमुख उपस्थित रहें।
बैठक में कलेक्टर श्री द्विवेदी द्वारा टास्क फोर्स के अधिकारियों को निर्देशित किया गया हैं, कि जिले में मलेरिया प्रकरण शून्य होने के कारण अब मलेरिया जागरूकता संदेश और संबंधित आई.ई.सी. प्रदर्शन का अधिक महत्व है, क्योंकि गर्म जलवायु होने के कारण बीमारी के बैक्टर के रूप मे मच्छर हो सकते है, भले ही बीमारी न हो। यद्यपि बीमारी नियंत्रण के लिए सभी स्तर पर जांच और सर्वे किया जा रहा है, यही कारण है कि जिले में लगातार दूसरे वर्ष अभी जीरो मलेरिया की स्थिति बनी हुई है इस दशा में समाज और सरकार को एकजुट होने की आवश्यकता हैं। उन्होंने सभी नगरीय निकाय और पंचायत संस्थाओं के अधिकारियों को निर्देशित किया कि स्वच्छता और जल प्रबंधन पर विशेष ध्यान दें जिससे मच्छर पैदा करने वाली परिस्थितियां निर्मित नहीं हो। उन्होंने मलेरिया जागरूकता एवं सप्ताह विश्व मलेरिया सप्ताह एवं विश्व मलिरिया दिवस को मनाने के लिये विभागीय उत्तरदायित्व भी तय किये गये।
बैठक में जिला मलेरिया अधिकारी एच.एम.रावत द्वारा बताया गया कि जिले में सभी निजी पैथोलॉजी और अस्पतालो को मलेरिया की रिपोर्ट करने के लिए जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.पी.के.माहौर द्वारा आदेश दियें गये हैं, जिनका फॉलोअप किया जा रहा हैं। जिले में मलेरिया नियंत्रण के उदेश्य से आशा, ए.एन.एम. कार्यकर्ता और रैपिड रिस्पांस टीम क्षेत्र में सेम्पलिंग और लार्वा सर्वे का कार्य कर रही हैं। जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में मलेरिया जागरूकता सप्ताह और संबंधित गतिविधियों के लिए प्लान तैयार किया गया हैं जिसका अनुशरण किया जा रहा हैं। वास्तव में मलेरिया डेंगू के मच्छर साफ पानी में पैदा होते है और साफ पानी प्रत्येक घर, कार्यालय, विघालय, छात्रावास में पाया जाता हैं। साफ पानी को ढंक्कर कर रखने, प्रतिसप्ताह पानी बदलने से हम इन बीमारियों के मच्छरों को पैदा होने से रोक सकते हैं।

टीकमगढ़ दर्पण से गिरीश कुमार खरे की रिपोर्ट

Post a Comment

0 Comments