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अभिभावकों को युवाओं को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ाने को प्रेरित करना चाहिए : राजा पाठक

हमारे देश को आत्मनिर्भर बनाने में युवाओं की भूमिका बहुत ही आवश्यक है । विश्व के विभिन्न देशों में भारत ही एक ऐसा देश है जिसकी पहचान पूरे विश्व में युवा देश के रूप में है । युवा वह है जो किसी सीमाओं में न बंधे , युवा वह है जो अपने आप को किसी किताबी शिक्षा तक सीमित न होने दे , युवा वह है जो नित नया सोच सके, युवा वह है जो अपने राष्ट्रीय स्वाभिमान को गति देने के लिए निरंतर प्रयासरत रहे , युवा वह है जो किसी की कृपा का मोहताज ना हो अपनी योग्यता के आधार पर कर्म भूमि में कर्म करें , युवा वह है जो कर्तव्य की मांग पर हमेशा खरा उतर सके, युवा वह है जो रोजगार मांगने की नहीं रोजगार देने की सोच रखे उस दिशा में कार्य करे । युवा वह है जो अपनी बुजुर्ग पीढ़ी व बाल व किशोर पीढ़ी की भावनाओं को समझ सके । लंबे समय हम सभी अपने आसपास देखते हैं कि अभिभावकों द्वारा सामाजिक दवाब में या खुद दूसरो की तुलना की अग्नि में जलकर अपनी ऊर्जावान युवा पीढ़ी को संकुचित सांचे में ढालकर उनकी योग्यताओं की हत्या की जाती है ।
 शिक्षा को केवल नौकरी पाने का आधार तक सीमित माना जाता है सरकारों पर केवल नौकरियों के लिए दबाव बनाया जाता है , जबकि नौकरी से कोई भी आत्मनिर्भर नहीं हो सकता युवाओं को चाहिए कि हमारे भारत देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अच्छी व्यापारिक योजनाओं को बनाकर कार्य करें व्यापार को बढ़ाए रोजगार पाने की नहीं देने की सोच रखें तब हमारा देश आत्मनिर्भर बनेगा हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई गई है जिनसे देश के कई ऊर्जावान शिक्षित युवाओं द्वारा विभिन्न व्यापारिक प्रतिष्ठान संचालित किए गए हैं जो आज कई लोगों को रोजगार दे रहे हैं हम सभी को ऐसे ऊर्जावान युवा मित्रों को प्रोत्साहन करना करना चाहिए व उनकी सफलता को देश में आत्मनिर्भत भारत के सफल उदाहरण के रूप प्रस्तुत करना चाहिए । अभिभावकों को युवाओं को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ाने को प्रेरित करना करना चाहिए। हमारा देश आत्मनिर्भर होगा जो संपूर्ण विश्व में हमारे देश को समृद्ध साली देश के रूप में देखा जाएगा विश्व पटल पर भारत माता का गौरव बढ़ेगा ।

टीकमगढ़ दर्पण से गिरीश कुमार खरे की रिपोर्ट

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