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महात्मा का सम्मान ही परमात्मा की सच्ची सेवा है -पंडित धीरेन्द्र शास्त्री


भक्तों से खचाखच भरा रहा पंडाल, गुरूदेव के जयकारों से गूंजा शहर

टीकमगढ़। आरती रामायण जी की...आरती के साथ आज विदाई दिवस की राम कथा का श्रीगणेश हुआ। कथा यजमान श्रीमती मीरा-राजेन्द्र तिवारी ने रामायण जी आरती की और गुरूदेव भगवान पंडित धीरेन्द्र शास्त्री का स्वागत कर आशीर्वाद लिया। जिसको पुरूषों में राम और महिलाओं ने मैया सीता नजर आने लगती हैं, उन्हें नवधा भक्ति की सातवीं भक्ति नजर आने लगती है। प्रभु ने सबरी के माध्यम अपने भक्तों को बताया कि जिनकी जिंदगी में संत आ जाते हैं, उनकी जिंदगी में वसंत आ जाता है। संत सेवा ही भगवान की सेवा है। यह प्रवचन यहां बागेश्वर धाम के संत आचार्य पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने किये। यह जानकारी देते हुये राम कथा आयोजन समिति के मीडिया प्रभारी सौरभ खरे ने बताया कि गुरूदेव ने संत सेवा को नवधा भक्ति की सातवीं भक्ति बताया। उन्होंने इस दौरान रोचक प्रसंग सुनाते हुये बताया कि पीपा जी महाराज की पत्नी के सत्कार के लिये वस्त्र बेंचकर भी भोजन कराया गया।  संत समाज सुधारक यंत्र है। तीन बनावत देश को, संत, सती, सूर, तीन मिटाते देश को कायर, कपटी, क्रूर। उन्होंने  कहा कि  संत न होते जगत में, तो जल मरता संसार। संत ही देश को दिशा दिखाने का काम करते हैं। रामचरित मानस का पाठ बच्चों को बचपन से कराने लगें, तो बच्चों में संस्कार आएंगे और जीवन में सुख। आचार्य श्री ने कहा कि साधुओं के होने से गृहस्थियों के संकट दूर होते हैं। संत के क्षण-अन्न का कण कभी व्यर्थ नहीं जाना चाहिये। सबरी से प्रभु कहते हैं कि संतों की सेवा मुझसे भी अधिक करना चाहिये।  उन्होंने स्टेडियम के खचाखच भरे होने पर कथा यजमान राजेन्द्र तिवारी के साथ ही उनके पुत्र बीजेपी युवा महामंत्री राहुल तिवारी, रिक्की तिवारी एवं सभी सदस्यों की सेवा भावना को सराहा और प्रशंसा की। गुरूदेव ने कहा कि राम कथा के भव्य आयोजन को टीकमगढ़ का महाकुंभ के नाम से जाना जायेगा। यहां आये हजारों श्रद्धालु भक्त जनों को कुंभ स्नान हो रहा है। उन्होंने मेरा तार प्रभु से जोड़े, येसा कोई संत मिले भजन सुनाकर श्रोताओं को संत सेवा की शिक्षा दी। आचार्य श्री धीरेन्द्र कृष्ण जी ने कहा कि संत की महिमा अपरंपार है। संत अपने लिये नहीं, दूसरों के लिये जीते हैं। तरूवर फल नहीं खात है, नदी कभी अपना पानी नहीं पीती, महात्मा अपने लिये नहीं जीते। नदी का जिस प्रकार से किसी से बैर नहीं होता, उसी प्रकार संत होता है। वह सभी को समान रूप से देखते हैं। संत कभी सम्पत्ति नहीं लेते, वह तो प्रभु भक्तों की विपत्ति लेते हैं। जिन्हें संत मिल जाते हैं, उनके चेहरे की मुस्कान नहीं जाती। महात्मा ही परमात्मा होते हैं। कथा का आनंद रस पान करने वाले लाखों भक्तों की आंखें आज डबडबा आई। अपने गुरूदेव भगवान के शहर से जाने की खबर पाकर सभी व्याकुल हो गये। भक्ति गंगा का उनके श्रीमुख से सात दिवस तक जो अविरल प्रवाह लोगों ने देखा और सुना, शायद ही उसे कभी कोई भूल पायेगा। लोगों ने पंडाल से विदाई देते समय गुुरूदेव भगवान से आशीर्वाद लिया।
नगर पालिका अध्यक्ष मलिक सहित पार्षदों ने लिया आशीर्वाद
राम कथा के आरंभ में यहां आचार्य श्री धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का नगर पालिका अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार पप्पू मलिक ने स्वागत किया और गुरूदेव भगवान का आशीर्वाद लिया। इसके साथ ही मंच पर पार्षद हबीब राईन, अनीस खान, अरविंद रजक, यशवंत बाल्मीकि, देवी लाल अहिरवार, मोना पटवारी, भरत सोनी सहित अनेक लोगों ने आशीर्वाद लिया। इस दौरान अनेक संतों एवं महंतों ने भी मंच पर मानस को प्रणाम कर गुरूदेव से चर्चा की। इस साथ ही आज नगर के जिन मार्गों से होकर गुरूदेव निकले, उन मार्गों पर लोगों ने फूल बिछाये और गुरूदेव की आरती उतारकर आशीर्वाद लिया। उनका आशीर्वाद लेने वालों में बृजकिशोर तिवारी, प्रफुल्ल द्विवेदी, आशाराम सेन, सीताराम तिवारी, प्रदीप खरे, रज्जन महाराज सहित अनेक लोगों के नाम शामिल हैं।
कोई बिगड़े को सुधारे तो क्या बात है
आचार्य श्री धीरेन्द्र शास्त्री ने आज कथा के विश्राम दिवस पर कथा के पहले जिला जेल पहुंचकर बंदियों को कथा सुनाई। उन्होंने बंदियों को भक्ति का मार्ग बताया और अपराध न करने की समझाईश दी। महाराज श्री ने कहा कि कलश यात्रा में जिन महिलाओं ने हार चोरी किये थे, वह भी जेल में मिलीं, उन्हें डांटा और समझाया। महिलाओं ने भी अपनी गलती पर क्षमा मांगी। जिला जेल अधीक्षक प्रतीक जैन सहित अनेक कर्मचारियों ने गुरूदेव से आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर बंदियों ने आशीर्वाद लिया और गुनाह न करने की शपथ ली।
कथा यजमान में जनता देख रही अपना नेता
यहां आई हजारों लाखों की भीड़ में राम कथा को लेकर जहां प्रसन्नता बनी हुई है, तो वहीं कथा यजमान राजेन्द्र तिवारी की मेहनत और सेवा भावना को मुक्त कंठ से सराहा जा रहा है। इस आयोजन के दौरान की गई व्यवस्थाओं एवं सेवा भावना ने हजारों लोगों का दिल जीत लिया है। लोगों ने उनके इस प्रयास की सराहना की है। यहां बता दें कि बीजेपी नेता राजेन्द्र तिवारी लंबे समय से क्षेत्र में एक बेहरत समाजसेवी के रूप में जाने जाते रहे हैं। उनके द्वारा निजी पैसों से मंदिर निर्माण, यज्ञ अनुष्ठान आदि के आयोजन और समस्याओं का निराकरण किया जाता रहा है, जिसके कारण ही अब तक जिला पंचायत, जनपद पंचायत एवं नगर पालिका में वह स्वयं एवं अपने परिवार को विजय श्री दिलाते आये हैं। इस आयोजन ने उनकी लोकप्रियता में निश्चित ही चार चांद लगाये हैं। यदि  जनता की पंसद को देखा जाये, तो राजेन्द्र तिवारी इस बार विधानसभा चुनाव में जीत के प्रबल दावेदार के रूप में देखे जाने लगे हैं। सूत्रों की मानें तो इस बार उनका चुनाव लडऩा भी लगभग तय है। युवाओं की लंबी टीम और आम जनता की पंसद राजेन्द्र तिवारी इस बार जनता की पहली पसंद बने हुये हैं। विगत 25 सालों से श्री तिवारी और उनका परिवार राजनीति में अपनी सक्रिय भूमिका निभाता चला आ रहा है। उन्होंने इतने भव्य और विशाल आयोजन के माध्यम से अपनी विशेष पहचान बनाई है।

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