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ज्ञापन सौंपने अतिथि शिक्षक पहुंचे भगवान हनुमान जी की शरण मैं ।


अतिथि शिक्षकों ने सरकार की कुनितियो से तंग आकर अपनी मांगों का ज्ञापन उमरीखेड़ा के हनुमान मन्दिर में सबसे बड़े सरकार हनुमान जी को ज्ञापन किया समर्पित
मध्यप्रदेश सरकार के नाम ज्ञापन सौप ऊब चुके अतिथि शिक्षक ज्ञापन सौंपने पहुंचे भगवान हनुमान जी की शरण । 

अभिषेक कुमार चौरसिया
बारीगढ़। गरुवार के दिन संपूर्ण गौरिहार ब्लाक के अतिथि शिक्षक सरवई रोड स्थित उमरीखेड़ा बब्बा जू के मन्दिर परिसर में दर्जनों की तादाद में इकट्ठे हुए।ब्लॉक अध्यक्ष हरदयाल पाल ने बताया कि हम सभी अतिथि शिक्षकों ने कई बार तहसीलदार महोदय के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इस लिए हम सभी ने इस बार सबसे बड़े सरकार हनुमान जी को ज्ञापन समर्पित किया है। अतिथि शिक्षकों में     पंकज चौरसिया, कामता अनुरागी, अरविंद सैनी, अरविंद सेन, हेमंत कुशवाहा, प्रकाश तिवारी, नन्दराम राजपूत, गंगादीन प्रजापति, सुनील दत्त, गुरुदत्त मिश्रा सहित आधा सैकड़ा अतिथि शिक्षकों ने भाग लिया।
अतिथि शिक्षकों ने वर्तमान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने हमेशा ही अतिथि शिक्षकों के साथ उपेक्षापूर्ण व्यवहार किया है।।
अतिथि शिक्षक वर्षो से सेवाएं दे रहे उसके बाद भी हर वर्ष उन्हें निकाल दिया जाता है ।
अतिथि शिक्षकों के माध्यम से प्रदेश में लगभग अधिकांशतः विद्यालय संचालित हो रहे हैं उसके बाद भी अतिथि शिक्षकों के नियमितिकरण के लिए सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।
उन्होंने बताया कि जिस प्रकार गुरूजी को शासन ने नियमित किया उसी प्रकार परीक्षा के बाद अतिथि शिक्षकों को भी नियमित किए जाने की सरकार को योजना बनानी चाहिए ।
साथ ही अतिथि शिक्षकों की वर्तमान स्थिति को देखकर मंहगाई के हिसाब से मानदेय भी बढ़ाया जाना चाहिए। और अतिथि शिक्षकों को 62वर्ष तक की आयु तक निकाला न जाए इस पर कोइ ठोस नीति बनाकर भविष्य को सुरक्षित और संरक्षित करने का काम मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किया जाएं यही सबसे बड़ी सुरक्षा की गारंटी होगी। आगे बातचीत में कामता अनुरागी,पंकज चौरसिया एवं उनके साथियों द्वारा बताया गया कि विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र– छात्राओं के लगातार अच्छे परिणाम देने के बाद भी अतिथि शिक्षकों को सरकार उनका हक नहीं दे रही है साथ ही बताया कि क्षेत्र में अधिकतर जगह अतिथि शिक्षक विद्यालय संभाल रहे हैं फिर भी अतिथि शिक्षक दर दर भटकने को मजबूर है।

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