ललितपुर । लॉकडाउन लगने के पहले पुलिस ने इतनी ढील दी कि सारे बाजार खुले रहे और पुलिस अपनी आंखें बंद किये आराम फरमाती रही अब यह आलम है कि श्मशान घाट जाने आने वाले लोगों के साथ भी पुलिस मारपीट कर रही है । आज सुबह है 11:00 बजे एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार के लिए टैक्सी चालक जगदीश राजपूत अपनी टैक्सी क्रमांक UP94-T-7772 से श्मशान घाट पर लकड़ी डालकर लौटा रहा था तो उसको सुरई घाट श्मशान घाट के निकट ख़िरकापुरा में देशी शराब के ठेके के पास बैरिकेडिंग लगाए बैठे पुलिस वालों ने उसे रोककर उससे बिना पूछतांछ किए ही उसके साथ मारपीट कर दी , थोड़ी ही देर बाद लगभग 12 बजे एक अन्य व्यक्ति के अंतिम संस्कार के लिए मुक्ति संस्था ने जब टैक्सी क्रमांक UP 94-B-1122 के ड्राइवर रामू से लकड़ी भेजी तो उस वक्त भी वहां ड्यूटी पर मौजूद मदनपुर के इंस्पेक्टर व पुलिस कर्मियों के द्वारा रामू ड्राइवर के साथ मारपीट की गई उसको थप्पड़ मारने के बाद लाठियों से पीटा गया जिससे उसके पैरों में चोट के निशान पड़ गए। पुलिस वालों का आलम यह था कि कोई भी व्यक्ति वहां से बिना पिटे नहीं निकला।
यही नहीं शाम को 5:30 बजे के लगभग ललितपुर के दिवंगत एडवोकेट अलंकार जैन की अस्थियों को चुनने के लिए 10 - 12 लोग श्मशान घाट पहुंचे और वहां से अस्थियां चुन कर वापस लौटे तो पुनः उसी स्थान पर मौजूद पुलिस कर्मियों के द्वारा मुक्ति संस्था के अध्यक्ष अज्जू बाबा , अन्नपूर्णा सेवा संघ के उपाध्यक्ष जगजीत सिंह सरदार, एडवोकेट अनिल जैन सराफ, राजीव पटवारी, मनीष जैन राजू, आदि को पुलिस ने रोककर निकलने से मना कर दिया और बदतमीजी शुरु कर दी। इस बात पर सभी ने विनम्रता पूर्वक आग्रह किया लेकिन पुलिस के सिपाहियों ने एक न सुनी इस बात पर काफी तू तू मैं मैं हुई लेकिन फिर भी पुलिस ने रास्ते से प्रवेश नहीं करने दिया, जिस पर मजबूरन सभी कैलगुआं चौराहे से नगर सीमा में प्रवेश करना पड़ा ।
पुलिस की इस मनमानी पर सभी लोगों में आक्रोश है कि क्या लॉकडाउन में जो लोग मृत्यु के शिकार हो गए उनका अंतिमसंस्कार भी नहीं किया जाए।
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