टीकमगढ़ /पलेरा (मनीष यादव) । शहर में इन दिनों कालाबाजारी करने वालों की पौ बारह है । प्रशासन की नजर बचाकर ग्राहकों को कोरोना का हवाला देकर दमदारी से ग्राहकों पर एहसान करके सामान बेंच रहे हैं। इसमें चाहे किराना का सामान ले लो चाहे फल सब्जी आदि हो सब में मौका गवांए बिना ग्राहकों के साथ कोरोना का बहाना और माल की सप्लाई में रोक का हवाला, माल खत्म होने का हवाला जैसे उदाहरण देकर भोले भाले ग्राहकों को चूना लगाने में लगे हैं।
दम से बिक रहे गुटखा : शहर में गली मोहल्लों में और दुकानों के पिछवाड़े से गुटखा पाउचों की बड्े दामों में औने पौने दामों में बिक्री हो रही है। जिससे लत के शिकार लोग इनको संग्रह करने में लगे हुए हैं और इन गुटखा पाउच बिक्रेता दम से धर्म के दूने लाभ कमा रहे हैं।
कलेक्टर और एसपी के सख्त आदेशों की अवहेलना : कोरोना काल में कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही के लिए जिला कलेक्टर सुभाष द्विवेदी और पुलिस अधीक्षक प्रशांत खरे के सख्त आदेश होने के बाद भी इस कोरोना की विभीषिका से जूझ रही जनता हर प्रकार से परेशान है। इस बात किसी से भी छिपी नहीं हैं इसी को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर और एसपी ने सभी से विनम्र अपील की थी कि इस कोरोना काल में कोई किसी भी प्रकार की कालाबाजारी न करे। लेकिन यह सब कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को खुली चुनौती दे रहे हैँ।
मंडी के हालात बुरे, कैसे टूटेगी यह रैकिट की चैन : छोटे मोटे दिन भर मंंडी से ऊंचे दामों में सामान खरीदकर लाने वाले और उसे अपने रेट लगाकर बेचने वालों ने का कहना है कि हम क्या करें हमे मंडी से महंगा दिया जा रहा है। इस सिस्टम में एक बहुत पुरानी और लंबी चैन है जिसको प्रशासन के सख्ती के अलावा कोई दूसरा इसे तोड्ने में बोना साबित होगा। क्योंकि इनकी लिंक बहुत गहरी है । शहर में बडे- बडे कोल्ड स्टोरेज हैं जहां पर हर समान की डंपिग की जाती है जिससे बाजार में आवक की कमी का हवाला देकर ओने पोने दामों में फल सब्जियों के साथ अन्य जरूरतों के सामान बेंच रहे हैं।
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