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बक्सवाहा जंगल को काटने से रोकने के लिये मुख्यमंत्री एवं पर्यावरण मंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन


पृथ्वीपुरः-बक्सवाहा जंगल को काटकर उसकी खुदाई करके हीरे निकालने के लिये चल रही गतिविधी को लेकर पर्यावरण प्रकृति के प्रेमियों के द्वारा तहसीलदार अनिल तलैया को प्रदेश के मुख्यमंत्री और पर्यावरण मंत्री भारत सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा है। 
बुन्देलखण्ड के छतरपुर जिले में स्थित बक्सवाहा जंगल को काटने और हीरे निकालने के लिये जो 382.81हे. भूमि के जंगल को 62.64हे. भूमि से मिलने बाले 3.82 करोड कैरिट के हीरे लगभग 2.15 लाख बृक्षों के जंगल को काटने से रोकने के लिये मुख्यमंत्री और भारत सरकार के पर्यावरण मंत्री के नाम ज्ञापन में कहा गया कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र बैसे भी विकास से कोसों दूर है और ऐसे में दिनों दिन बनों की कटाई से भयाभय स्थिति पैदा हो रही है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र पानी की सूखा जैसी समस्या से हमेशा से जूझता रहा है और वर्तमान में जूझ रहा है ऐसे में भौतिकताबादी सुख देने बाले हीरों के लिये लाखों बृक्षों को काटना चिन्तनीय और विचारणीय विषय है। ज्ञापन मे कहा गया कि सरकार स्पष्ट करे की हीरा खनन के लिये बृक्षों को काटकर सरकार कौनसा विकास मॉडल प्रस्तुत करना चाहती है। यदि सरकार कोई उचित निर्णय जल्द से जल्द नही लेती है तो बुन्देलखण्ड क्षेत्र स्वार्थी लोगो से प्रकृति का चीर हरण होने से बचाने के लिये म.प्र. सरकार के खिलाफ चरणबध्द आन्दोलन करने मजबूर होंगे। भारत के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री के द्वारा रोज प्रकृति को संरक्षित करने की बात करते है रोज शोसल मीडिया पर फोटो अपडेट करते है वह केवल क्या दिखावा है कि हकीकत कुछ और है प्रदेश सरकार पहले गिनीजबुक में आने के लिये नर्मदा किनारे रोपे गये पौधों की जानकारी दे कि कितने बृक्षों को संरक्षित किया गया है। कोविड 19 में ऑक्सीजन जैसी समस्याओं ने देश को झकझोर दिया है फिर भी सरकार मूक दर्शक बनी निर्णय ले रही है। आदि कई मांगे रखी गई। ज्ञापन देने बालों में प्राकृतिक प्रेमी दीपक चतुर्वेदी, रवि भास्कर, विवेक शर्मा आदि शामिल रहे। 

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