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बुन्देलखण्ड में कलाओ की कमी नही - मानवेन्द्र


बाबू हरदेव सिंह की 6वी पुण्यतिथि पर हुई काव्य निशा।



पृथ्वीपुर।  बुन्देलखण्ड की पावन माटी में वृद्व स्तर पर अनूठी कलाऐ है जो समय समय पर अपनी कलाओ का जौहर दिखाते है। और बुन्देलखण्ड में कलाओ की कमी नही है। उक्त उदगार उत्तरप्रदेश के विधान परिषद सभापति कु. मानवेन्द्र सिंह ने मुख्य अतिथि की असंद्वि से व्यक्त किये।

शिक्षाविद स्व. बाबू हरदेव सिंह की 6वी पुण्यतिथि पर हरदेव सिंह महाविद्यालय के प्रागण में श्रद्वजलि सभा एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सभापति कु. मानवेन्द्र सिंह रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्यप्रदेश विधानसभा लोक लेखा समिति के सभापति और विधायक बृजेन्द्र सिंह राठौर ने की। विशिष्ठ अतिथि के रूप में पूर्व साडा अध्यक्ष प्रेमचंन्द्र जैन, अरूण कुमार सिंह उपस्थित रहे। सर्व प्रथम अतिथियो के द्वारा स्व. बाबू हरदेव के चित्र पर दीप प्रज्जवलित एवं पुष्प अर्पित कर श्रद्वाजलि दी गई। और अतिथियो ने कवि, साहित्यकार, एवं पत्रकारो को सम्मानित किया। आयोजन समिति के अवधेश प्रताप सिंह राठौर ने स्वागत भाषण देते हुये कहा कि बाबू की यह 6वी पुण्यतिथि है उनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान देकर सभी के लिये कार्य किया है। मुख्य अतिथि श्री सिंह ने बाबू हरदेव सिंह के जीवन पर प्रकाश डाला। विधायक बृजेन्द्र सिंह राठौर ने कहा कि हमारे क्षेत्र में साहित्यकारो के द्वारा अपनी प्रतिभाओ की बदौलत एक से बढकर एक रचनाऐं करके बुन्देलखण्ड का गौरव बढाते है।  कार्यक्रम के प्रारंभ में सरस्वती बंदना एवं काव्य पाठय का कवि हेमा बुखारिया ने प्रस्तुत की। इसी के साथ साहित्यकार एवं कवि रतिभानु तिवारी कंज, उमाशंकर खरे उमेश, एमडी मिश्रा आनंद, प्रेम घनघोरिया प्रेम, कल्याण दास साहू पोशक, रामचरन चरणेश, रामनिवास तिवारी, एमएम प्रभाकर, आरपी भारती, संध्या साहू साझी, राजश सुमन, विनोद वर्मा, आशाराम नादान, बीरेन्द्र त्रिपाठी, रमेश तिवारी आदि कवियो के द्वारा एक से बढकर एक बुन्देली परम्परा और कई हास्य एवं व्यांगात्मक काव्यो का पाठ कर अपनी अपनी प्रस्तुतिया दी गई। कार्यक्रम का संचालन टिंकू तिवारी नेगुवा के द्वारा किया गयां। कवि सम्मेलन में कवियो की प्रस्तुतियो पर रात भर श्रोता झूमते रहे। इस अवसर पर सिद्वार्थ सिंह राठौर, राजेन्द्र परमार, शेख मुजफ्फर अली, महेन्द्र बुन्देला, मनोहर सोलंकी, अन्नू खरे, मोना पुरी, पंकज तिवारी, आदि शामिल रहे।

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