टीकमगढ़ (प्रद्युम्न खरे)। जिले परिवहन अधिकारी हुए ईद का चांद जिनकी तलाश कई लोगों को है दरहसल काफी समय से टीकमगढ़ कार्यालय में नहीं बैठ रहे हैं काफी समय से फाइल्स पेंडिंग डाली हुई है , आम लोग हो रहे हैं परेशान, लंबी लंबी लाइनों में लग रहे रोज लोग जिस भी कर्मचारी से काम हो पहले तो लम्बी लाइन में लग कर जाओ उसके बाद दूसरे कर्मचरियों के पास जाओ फिर भी काम नहीं हो रहे और अगर आपको इन सब चीजों की शिकायत आपको करनी हो तो आप अगर उच्च अधिकारी के पास जाते है जिनके केबिन के गेट पर सिल्वर क्लर का ताला लटका आपको मिलेगा और गेट के एक तरफ शुभ और दूसरी तरफ लाभ लिखा आपको मिलेगा इसके बाद आप अपनी समस्या लेकर कहीं नहीं जा सकते , लेकिन इन सब से बचने का आपके पास एक मात्र सरल उपाय है ,कार्यालय के बाहर खुली दलालों की दुकान जहां आप 1700-1800 की कीमत में बनने वाला आम लाइसेंस 2400-2500 मे बनवा सकते है।
लेकिन वहां भी आपको एक बार फीस जमा करने के बाद घंटो बैठाया जाता है, जिसके बाद कहीं जाकर आपका नंबर प्रथम तस्वीर के लिए आता है और एक छोटी सी लंबी लाइन में आपको लगना पड़ता है ,जिस लाइन में आपको 30-40 मिनट उस दिन लगते है ,जिस दिन सबसे कम भीड़ हो जिसके बाद आप जब दूसरी तस्वीर के लिए आते है तो आपको एक बार फिर उस ही क्रम में पहले इंतजार फिर लाइन में लगना पड़ता है तब जाकर आप लाइसेंस मिलने की उम्मीद कर सकते है, इस सब के बीच आप को लग रहा होगा कि इस सब में कहीं ड्राइविंग टेस्ट तो लिया ही नहीं गया , यह आश्चर्य तो हमारी टीम को भी हुआ जब पूरे दिन आरटीओ के बाहर हमने देखा कि लाइसेंस तो सैकड़ो लोगों के अप्रूव हो गए लेकिन टेस्ट किसी का भी नहीं लिया गया तो अब आप समझ ही गए होंगे कि क्या हाल होगा ।
टीकमगढ़ आरटीओ के जब जिला परिवाहन आधिकारी निर्मल कुरूवत के केबिन में हमारी टीम मिलने पहुंची तो वही सीन फिर से कमरे के बाहर देखने को मिला जिसमें ताला लगा हुआ है, क्या सरकार बंद कमरे की तनखा देती है ? जिसमें से दो दिन जिला निवाड़ी का चार्ज भी होने के कारण उन्हें वहां भी समय देना होता है, लेकिन हमारे सूत्रों का कहना भी यही है की यहां भी श्री कुरुवत नहीं बैठते है तो जिला परिवहन अधिकारी जाते कहां है ? क्या इन्हे गायब रहने की तनख़ा मिलती है ? ।
जैसा अधिकारी के हाल वैसा कार्यालय का हाल
जैसा कि आप जानते है देश भर में स्वच्छ भारत अभियान चलाया जा रहा है, ऐसे में देश का बच्चा बच्चा घर से रोड तक सफाई का ध्यान रख रहा है। ऐसे में आरटीओ ऑफिस में सफाई बिल्कुल भी नहीं है, जहां कोरोना काल में थूकने पर २००० रुपए तक जुर्माना है, ऐसे में आरटीओ की सफेद दीवालो पर लाल कत्था ओर राजश्री,ओर दाने दाने पर केसर के दम वाला विमल की लाली लगी हुई है ,जिसकी शुरुआत मुख्य दरवाजे से होते हुए ऑफिस के हर कोने पर लाल थूका हुआ है। इसके साथ ही ऑफिस के अंदर जाते ही कबाड़ का ढेर लगा देखेंगे जहां पुराना बेकार सामना,पुरानी टूटी झाड़ू पड़ी हुई है कोरोना काल में भरपू्ण सफाई आरटीओ ऑफिस में आप देख सकते है ।
उच्च अधिकरीयों की अभी तक कोई बड़ी कार्यवाही नहीं ?
महीनों से अन्य अख़बारों ,चैनल पर यह खबरें चल रही है लेकिन अभी तक ना ही कोई अधिकारी कोई कार्यवाही कर पाया है ना ही किसी जनप्रतिनिधि ने इनके खिलाफ कोई कार्यवाही करवा पाई है लोगों का कहना है साहब की ऊपर अच्छी पकड़ है ऊपर यानी सागर रेंज के अधिकारियों से है या सचिव से या क्या पता सीधी किसी मंत्री से भी हो सकती है लेकिन उन्हें क्या जानकारी की यहां क्या हालत है ।
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