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आखिरकार नाबालिग पीड़िता के संघर्ष के आगे झुकी पुलिस



आईजी शर्मा के निर्देश पर रेप आरोपियों पर किया गया मामला दर्ज
बलात्कार की घटना को झुठला रही थी पुलिस

टीकमगढ़ । शिकायत को नही बल्कि शिकायतकर्ता को ही निपटाने में विश्वास रखने बाली टीकमगढ़ की वर्तमान पुलिस की संदिग्ध कार्यप्रणाली पर अपने संघर्ष का तमाचा मारते हुए एक नाबालिग पीड़िता ने पुलिस को आखिरकार झुकने पर मजबूर कर दिया। सागर आईजी अनिल शर्मा से गुहार लगाने और सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने पर हरकत में आई पुलिस ने बलात्कार के आरोपियों पर मामला दर्ज कर दिया है।
प्राप्त जानकारी अनुसार टीकमगढ़ जिले के कुड़ीला थाना अंतर्गत देरी चौकी के ग्राम खुडो में एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक रूप से दो युवकों द्वारा बलात्कार की घटना को तब अंजाम दिया गया जब बह नाबालिग लड़की खेत पर पिता को खाना देने जा रही थी। पूरा मामला देरी चौकी के ग्राम खुडो का है बच्ची के पिता ने बताया कि जब वह अपने खेत पर 1 दिसंबर को बुबाई कर रहा था तभी उसकी नाबालिग लड़की दिन में 12:00 बजे खाना लेकर आ रही थी तभी रास्ते में एक यादव का खेत पड़ता है जहां से वह निकल रही थी तभी बच्ची के साथ दो युवकों के द्वारा बलात्कार किया गया। लेकिन जब इस संबंध में देरी चौकी में शिकायत की तो चौकी वालों ने तुरंत आरोपियों को पकड़ा भी लेकिन पकड़ने के बाद उनसे पैसे ले देकर छोड़ दिया। साथ ही फरियादी से गलत तरीके से राजीनामा पर साइन करा लिए गए। तब नाबालिग पीड़िता अपने परिजनों के साथ न्याय के लिए एस.पी ऑफिस गई जहां पीड़िता ने लिखित में आबेदन देकर अपनी पीड़ा सुनाई लेकिन टीकमगढ़ एसपी द्वारा भी न्याय नही दिया गया। उक्त बात कहते हुए पीड़िता के पिता ने बताया कि उसने महिला आयोग, डीआईजी ऑफिस सहित हर जगह शिकायत की, लेकिन उसको न्याय नहीं मिला। न्याय न मिलते देख नाबालिग पीड़िता के पिता ने दुखी होते हुए अपनी बच्ची के साथ आत्महत्या कर लेंने की बात भी कही थी लेकिन फिर भी कोई सुनबाई नही हुई। तब नाबालिग पीड़िता ने सागर आईजी अनिल शर्मा से गुहार लगाई साथ ही सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करवाई तब जाकर पुलिस हरकत में आई और दो आरोपियों मिथलेश यादव व विकास यादव के विरुद्ध धारा 294, 506, 376 DA सहित पास्को एक्ट व हरिजन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।
इसके पूर्व रेप घटना की दिनांक 1 दिसम्बर से ही पुलिस बलात्कारियों को भी बचाने और बलात्कार की घटना को झुठलाने का कार्य कर रही थी। पुलिस की इसी मिलीभगत के चलते एक नाबालिग लड़की को न्याय के लिए दर दर भटकना पड़ रहा था जबकि नाबालिग पीड़िता द्वारा उक्त मामले की लिखित शिकायत टीकमगढ़ एसपी प्रशांत खरे से भी की गई थी लेकिन फिर भी कार्यवाही नही की जा रही थी, फिर सागर आईजी अनिल शर्मा के हस्तक्षेप के बाद नाबालिग पीड़िता की सुनबाई हुई।

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