जतारा ब्लॉक में उपयंत्री के संरक्षण में दम तोड़ रही शिकायते।
जतारा ब्लॉक में उपयंत्री के संरक्षण में दम तोड़ रही शिकायते।
दिखाने को इंसान कर रहे कागजो में कार्य, लेकिन मशीनों द्वारा किया जा रहा जमीन पर कार्य।
टीकमगढ़/मोहनगढ़। पंचायती राज व्यवस्था में नीचे तपके के लोगों के उत्थान के लिए वातानुकूलित कमरों में बैठकर भले ही नित नई योजनाएं बनाई जा रही हो। लेकिन यह योजनाएं जिनके नाम पर बनाई जाती हैं उन्हीं से यह रूबरू नहीं हो पाती है । और उच्च अधिकारियों की मिलीभगत के कारण सरपंच ,सचिव एवं रोजगार सहायकों के द्वारा कागजों में पूर्ती कर दी जाती है, और यह सब खेल दो से पांच परसेंट की लालच में खेला जाता है। अब सोचने वाली बात यह है कि जो अधिकारी लोगों की सेवा करने के नाम से प्रशासनिक सेवाओं में सेवारत होते हैं, वही जिम्मेवार यदि लोगों के साथ छलावा करने लगे तो वह बेचारे किस पर अपनी उम्मीद का बोझ लादें। हद तो तब हो जाती है जब धरातल पर सरपंच सचिव एवं रोजगार सहायक भ्रष्टाचार की चादर लपेट रहे हो ऐसे में जब जिम्मेवार उपयंत्री, सहायक यंत्री और सी ई ओ संरक्षण का छाता उन पर फैलाए हो तो पंचायतों में भ्रष्टाचार रुकने का तो नाम ही नहीं बनता। ऐसा ही ताजा मामला जतारा जनपद की ग्राम पंचायत नंदनवारा के नीमखेरा गांव में उस वक्त देखने को मिला जब गांव में एक नाली निर्माण का कार्य किया जाना था जो कागजों में हो चुका है जिसकी जानकारी जब ग्रामीणों को लगी तो उन्होंने सीएम हेल्पलाइन एवं अन्य उच्चाधिकारियों से की गौरतलब है कि नाली निर्माण कार्य तो अभी तक नहीं हुआ लेकिन उपयंत्री महोदय के द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर व्यक्तिगत जवाब पेश किया गया की नाली का कार्य गुणवत्तापूर्ण किया जा रहा है। और मेरे द्वारा बीच-बीच में इसकी देखरेख की जा रही है ।लेकिन जमीनी हकीकत इससे विपरीत है। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत में बहुत बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है जिसकी शिकायत हम लोगों द्वारा मोहनगढ़ तहसीलदार, जतारा एसडीएम, जनपद सीईओ एवं जिला कलेक्टर महोदय से की गई। लेकिन किसी ने कहा है की पैसा हो तो क्या नहीं साहब इसी कहानी की मजधार में हम लोगों का न्याय फंसा हुआ है ।आखिरकार इस संकट की घड़ी में जब देखने को विकास नहीं सुनने को न्याय नहीं अधिकारियों का दुलार नहीं तो अब हम लोग करें तो क्या करे।
जब उपयंत्री से बात की गई तो उनका कहना है की मैं pwd विभाग से राघवेंद्र सिंह श्रीवास्तव बोल रहा हूं। फिर बाद में कहां गया की नाली निर्माण के लिए जगह की आवश्यकता है जो वहां पर नहीं है ।यदि जगह मिलती है तो रक्षाबंधन के बाद नाली निर्माण का कार्य करा दिया जाएगा।
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