गांव की मिट्टी मैं उपजने लगी प्रतिभाएं।
टीकमगढ़/बम्होरी । किसी ने कहा है कि हौसलों में जान हो तो समुंदर भी छोटा पड़ जाता हैं ,जी हां यह सब अब संभव है । यदि हौसले सच्चे हो तो सुविधाएं जरुरी नहीं। ऐसा ही कुछ कारनामा मध्य प्रदेश में हायर सेकेंडरी का परीक्षा परिणाम आने के बाद देखने को मिला छोटे से गांव बम्होरी के रामू अहिरवार पिता प्रभु दयाल अहिरवार ने कक्षा 12 मैं बायलॉजी विषय के साथ 436 अंक हासिल करके दिखाये । पहले ज्यादातर प्रतिभाएं वातानुकूलित कमरों के बीच से निकल कर बाहर आती थी। लेकिन अब ग्रामीण अंचलों के बीच से भी सितारे निकल रहे है।
रामू अहिरवार का कहना है कि मेरी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है जिससे मुझे अन्य छात्रों की तरह सुविधाएं प्राप्त नहीं हो सकी फिर भी मैंने हार नहीं मानी और मैं घर के कामकाज में हाथ बंटाने के साथ पढ़ाई को भी टाइम निकालता रहा। इस सब उपलब्धि का श्रेय मैं अपने माता-पिता और गुरुजनों को देता। इतने से मैं अभी खुश नहीं हूं । मेरी इच्छा है कि मैं कठोर मेहनत करके प्रशासनिक सेवा में जाना चाहता हूं और लोगों की सेवा करना चाहता।
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